November 22, 2024
एक ऐसी शख्सियत ने पीके के साथ मिलाया हाथ जिससे बदल जाएगी पुरी बिहार की राजनीति समीकरण #prashantkishor #nda
#hindustannews18 #bihar #politics
Go Gorgeous Unisex Salon & Boutique
एक ऐसा राजनेता जिसने PK से हाथ मिला कर बिहार के राजनीति में कर दिया बड़ा खेला | Jan Suraj

मेरा गांव-मेरा गौरव: एक क्लिक से होगा गांवों का समग्र विकास

1 min read

मेरा गांव-मेरा गौरव: एक क्लिक से होगा गांवों का समग्र विकास

भारत में एक बड़ी अधिक आबादी गांवों में रहती है. बावजूद इसके, ग्रामीण लोगों के लिए शिक्षा, स्वच्छ पेयजल, स्वच्छता जैसी बुनियादी सुविधाएं और आजीविका के क्षेत्र में शहरों जैसे अवसर मौजूद नहीं हैं. भारतीय अर्थव्यवस्था के समग्र विकास, गरीबी उन्मूलन और सतत विकास लक्ष्यों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को हासिल करने के लिए गांवों का विकास काफी अहम है.
इन्हीं चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, “मेरा गांव-मेरा गौरव” की शुरुआत की गई है. इसमें 5 मुख्य क्षेत्रों पर फोकस किया जा रहा है, ये हैं- आर्थिक सशक्तिकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण और डिजिटल साक्षरता. मक़सद है- गांवों में समुदायों के बीच सकारात्मक बदलाव और विकास में तेजी लाना.


संहिता- कलेक्टिव गुड फाउंडेशन (संहिता-सीजीएफ) और कॉमन सर्विस सेंटर ने ‘मेरा गांव- मेरा गौरव’ पहल के तहत गांवों के समग्र विकास के लिए एक भागीदारी की है. इसके तहत देश भर के 100 गांवों में समग्र विकास को बढ़ावा दिया जाएगा.
इस कार्यक्रम का उद्देश्य वित्तीय और डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए समुदायों का प्रशिक्षण, आजीविका के लिए कौशल पर जोर, महिला उद्यमिता को बढ़ावा देना और सरकारी योजनाओं की पहुंच में सुधार करके आर्थिक अवसरों को पैदा करना है. साथ ही बेहतर शैक्षिक परिणामों के लिए शिक्षण गुणवत्ता में सुधार, और स्वास्थ्य विशेषज्ञों, प्रिवेंटिव हेल्थकेयर और स्वच्छता सेवाओं तक पहुंच के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा में सुधार करना है. संहिता-सीजीएफ ग्रामीण परिवारों के लाभ के लिए सेवाओं की पहुंच, समुदाय पर जोर और सशक्तिकरण जैसे पहलुओं को ध्यान में रखेगा.


संहिता सोशल वेंचर्स की सीईओ प्रिया नाइक कहती हैं, “संहिता-सीजीएफ की कोशिश रही है कि समाज के सबसे गरीब और कमजोर तबके के लोगों के विकास को आगे लाया जाए. सीएससी के साथ मेरा गांव, मेरी धरोहर पहल में भागीदारी के जरिए हम अपनी विशेषज्ञता का लाभ प्रदान करेंगे ताकि गांवों के समग्र विकास के लक्ष्य को आगे ले जाया जा सके. हमारे ये प्रयास भारत सरकार के टिकाऊ और समावेशी विकास के लक्ष्यों के अनुरूप हैं.”


देश के सुदूर ग्रामीण इलाकों में मौजूद 5 लाख से अधिक अधिक कॉमन सर्विस सेंटर ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने और ग्रामीण क्षमताओं व आजीविका का निर्माण करने के लिए तैनात हैं. इनमें से लगभग 18 फीसदी केंद्रों का संचालन महिलाएं करती हैं. ये उद्यमी गांवों में मौजूद समुदायों में बड़े पैमाने पर बदलाव लाने में सक्षम हैं.


सीएससी के प्रबंध निदेशक और सीईओ श्री संजय कुमार राकेश ने बताया, “मेरा गांव-मेरा गौरव” पहल में एक अनुकरणीय मॉडल का इस्तेमाल किया गया है जिसे अधिक से अधिक गांवों में लागू किया जा सकता है. मौजूदा समय में हमारा उद्देश्य है कि साल के आखिर तक 100 से अधिक गांवों तक इसका विस्तार किया जाए और दूर-दराज के उन गांवों में स्थित नागरिकों को लाभ पहुंचाया जाए जहां सरकारी और गैर सरकारी सेवाओं तक उनकी पहुंच नहीं है.”
यह कार्यक्रम “समुदाय के लिए, समुदाय द्वारा” के सिद्धांत पर आधारित है. इसका उद्देश्य साल 2025 तक 5 लाख नागरिकों के जीवन में बदलाव लाना है और ग्रामीण विकास को टिकाऊ बनाना है.

अकबर ईमाम एडिटर इन चीफ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *