लुम्बिनी से बोधगया” कार्यशाला में शामिल सभी दस कलाकार अपनी-अपनी पेंटिंग्स को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं।
1 min readपेंटिंग को अंतिम रूप देने में लगे कलाकार
गया, 24 अक्टूबर, 2024 आसरा सेवा केंद्र द्वारा बी.पी. कोइराला इंडिया-नेपाल फाउंडेशन के सहयोग से गया के किलकारी बिहार बाल भवन में 20-25 अक्टूबर, 2024 तक आयोजित “लुम्बिनी से बोधगया” कार्यशाला में शामिल सभी दस कलाकार अपनी-अपनी पेंटिंग्स को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं। महात्मा बुद्ध के जन्म से लेकर ज्ञान प्राप्ति तक की अवस्था को प्रतिभागी कलाकार अपनी पेंटिंग में बखूबी चित्रण कर रहे हैं।
कार्यशाला में शामिल पद्मश्री शांति देवी भगवान बुद्ध की ध्यानमग्न अवस्था को. पद्मश्री दुलारी देवी पांच बौद्ध भिक्षुओं को ज्ञान देते बुद्ध राज्य पुरस्कार विजेता भगवान ठाकुर बंदरों द्वारा भगवान बुद्ध को शहद भेंट करने की घटना, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अम्बिका देवी बुद्ध की माता महामाया के गर्भावस्था के दौरान स्वप्न का दृश्य, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता हेमा देवी बुद्ध का जन्म, राज्य पुरस्कार विजेता नलिनी शाह सुजाता द्वारा बुद्ध को खीर खिलाने, राज्य पुरस्कार विजेता अवधेश कर्ण भगवान बुद्ध की ज्ञान प्राप्ति, राज्य पुरस्कार विजेता श्रवण कुमार जन्म के बाद बुद्ध के सात कदम चलने और राज्य पुरस्कार विजेता राकेश पासवान सन्यास लेने के पहले की बुद्ध की अवस्था को चित्रित कर रहे हैं। सभी पेंटिंग्स लगभग अपने अंतिम चरण में है और उनकी खूबसूरती अभी से ही लोगों को आकर्षित कर रही हैं।
कार्यशाला की संयोजक श्रीमती फिरदौस कौसर ने बताया कि यहाँ निर्मित हो रही कलाकृतियों की जब 25 अक्टूबर, 2024 को गया के किलकारी भवन में प्रदर्शनी लगाई जाएगी, तब एक अलग वातावरण का आभास होगा। श्रीमती कौसर ने बताया कि बाद में इन्हें पटना के बिहार संग्रहालय समेत अन्य जगहों पर प्रदर्शित किया जाएगा।
किलकारी, गया के कार्यक्रम समन्वयक राजीव रंजन श्रीवास्तव ने बताया कि इस कार्यशाला में कलाकारों द्वारा बना रहे पेंटिंग्स को देखने के लिए प्रतिदिन बड़ी संख्या में गया शहर के कलाकार, छात्र, कलाप्रेमी और आम लोग आ रहे हैं। पेंटिंग्स को बनते देखना एक अलग अनुभव और आनंद का विषय है। उन्होंने इस आयोजन के लिए आसरा सेवा केन्द्र और बी.पी. कोइराला इंडिया-नेपाल फाउंडेशन के प्रति आभार जताया।
(फिरदौस कौसर)
संयोजक
आसरा सेवा केन्द्र
अकबर ईमाम एडिटर इन चीफ