मेले में गाना गाने के मिलते थे 5 रुपए,पिता ने बोला किसानी करो।आज लेजेंडरी सिंगर का जन्मदिन
1 min readलीजेंडरी सिंगर उदित नारायण ने बचपन में जब गायक बनने का सपना देखा तो उनके पिता को लगा कि किसान का बेटा गायक नहीं बन सकता। उनके पिता हरेकृष्ण झा चाहते थे कि वे किसानी करें या फिर डॉक्टर और इंजीनियर बनने की सोचें।
उदित नारायण की मां भुवनेश्वरी देवी लोक गायिका हैं। उन्हें अपने बेटे पर विश्वास था कि एक दिन उनका बेटा बड़ा गायक बनेगा।
उदित नारायण 40 अलग-अलग भाषाओं में 25 हजार गाने गा चुके हैं। 69 की उम्र में आज भी उनके आवाज में वही ताजगी है। उदित कहते हैं कि मेरी मां 106 वर्ष की हो चुकी है। आज भी वह घर पर गाती रहती हैं। उनकी गायकी को सुनकर मुझे हमेशा प्रेरणा मिलती है।
आज उदित नारायण अपना 69वां जन्मदिन मना रहे हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने अपने जीवनी की कहानी साझा की थी और उन्होंने क्या कहा था देखिए काफी दिलचस्प है।
रेडियो पर गाने सुनकर सिंगिंग सीखा
मैं लता मंगेशकर, रफी साहब और किशोर कुमार के गाने रेडियो में सुना करता था। उस समय रेडियो गांव के मुखिया या किसी बड़े आदमी के घर पर ही हुआ करता था। दूर से ही रेडियो पर गाना सुन सुन कर मैंने गाना सीखा। मेरी मां गांव के घरों में गाती थीं। गाने की प्रेरणा मुझे उन्हीं से मिली।
पिता चाहते थे डॉक्टर या इंजीनियर बने
मेरी गायकी से पिता जी बहुत नाराज रहते थे। वह कहते
थे कि पढ़ लिखकर डॉक्टर इंजीनियर बनो। तुम एक
किसान के बेटे हो। यह संभव नहीं है कि एक किसान का
बेटा मुंबई जाकर गायक बने। इसलिए यह सपना देखना
बेकार है। शौकिया गाना अलग बात है, लेकिन इसमें
कहां करियर बनाया जा सकता है।
मेले में गाकर 4-5 रुपए कमाता था
मैं गांव के छोटे-छोटे मेले में जाकर गाया करता था। मेरे बड़े भाई दिगंबर झा अपने कंधे पर बैठाकर नदी के पार मेले मे ले जाते थे। मुझे 4-5 रुपए मिल जाते थे। इतने ही पैसो में बहुत खुशी मिलती थी। स्कूल में जब छुट्टी होती थी तब भी गाया करता था। मैंने 10वीं तक की पढ़ाई बिहार से की, लेकिन कोई रास्ता नहीं समझ में आ रहा था कि जीवन में क्या करना है?
नेपाल रेडियो से हुई शुरुआत
उसी दौरान एक मिनिस्टर के यहां गाने गया। गाना
सुनकर वो बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि अगर
तुम नेपाल रेडियो के लिए मैथिली लोक गीत गाना
चाहते हो, तो मैं सिफारिश कर सकता हूं। उसके बाद मैं
काठमांडू गया और रेडियो जॉइन कर लिया। वहीं पर मैंने
12वीं की पढ़ाई भी की।
दिन में रेडियो पर गाता था। रात में पढ़ाई और फाइव स्टार होटल में जाकर गाने भी गाता था। वहां से मुझे कुछ पैसे मिल जाते थे, जो जीवन यापन के लिए पर्याप्त था। इस तरह से वहां 7-8 साल बीत गए।उसके बाद वो पीछे मुड़ कर नहीं देखे।परिवार में उनके बेटे आज एक सफल सिंगर और एंकर है।