5 साल के सियासी उलटफेर के बाद महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव हुए।
1 min readमहाराष्ट्र में 20 नवंबर को एक ही फेज में सभी 288 सीटों पर वोटिंग हुई। रिजल्ट 23 नवंबर को आएगा। कवरेज के दौरान मिले इनपुट से समझ आया कि महायुति या महाविकास अघाड़ी दोनों को बहुमत के लिए जरूरी 145 सीटें मिलना मुश्किल है।
BJP को सबसे ज्यादा 80-90 सीटें मिल सकती हैं। 2019 में उसे 105 सीटें मिली थीं। 58-60 सीटों के साथ कांग्रेस दूसरे नंबर पर रह सकती है। पिछले चुनाव में उसकी 44 सीटें थीं। चुनाव में शरद पवार का मैजिक चलता दिख रहा है। 87 कैंडिडेट उतारने वाली उनकी पार्टी NCP (SP) 50-55 सीटें जीत सकती है।
शिवसेना (शिंदे गुट) और शिवसेना (उद्धव गुट) 30-35 सीटें जीतकर बराबरी पर रह सकती हैं। महायुति के लिए कमजोर कड़ी अजित पवार की पार्टी NCP बन रही है। उसके सिर्फ 15-20 सीटों पर जीतने की संभावना है। छोटी पार्टियां और निर्दलीय को 20 से 25 सीटें मिल सकती हैं। ऐसे में ये किंगमेकर बन सकते हैं।
राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के 2-4 कैंडिडेट जीत सकते हैं। समाजवादी पार्टी को भी एक सीट मिल सकती है। कांग्रेस, NCP (शरद पवार) और
5 साल की सियासी उठापटक के बाद महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव हुए। अब कुछ सवाल हैं। क्या BJP के नेतृत्व वाला महायुति गठबंधन दोबारा सरकार बना पाएगा या कांग्रेस के महाविकास अघाड़ी की सरकार में वापसी होगी, वोटर दो हिस्सों में बंटी शिवसेना और NCP में से किसे चुनेंगे।
मराठा आरक्षण आंदोलन, मराठा Vs OBC के मुद्दे और लाडकी बहिन जैसी योजना का असर क्या रिजल्ट पर भी दिखेगा। इन सवालों का जवाब जानने के लिए भास्कर रिपोर्टर्स बीते एक महीने में मुंबई से लेकर कोंकण, पश्चिम महाराष्ट्र से मराठवाड़ा, उत्तर महाराष्ट्र से विदर्भ तक वोटर्स से मिले। पॉलिटिकल एक्सपर्ट, जर्नलिस्ट, पॉलिटिकल PR करने वाली एजेंसियों से जुड़े लोगों से बात की और ये अनुमान लगाया जा रहा है।