अक्षत सेवा सदन यारपुर पटना मे डेंटल केयर का किया गया उद्घाटन!डॉ अमूल्य कुमार सिंह प्रख्यात ऑर्थोपेडिक सर्जन अक्षत सेवा सदन के निर्देशक ने कहा कि ऑर्थोपेडिक के साथ-साथ डेंटल की बहुत कम दर पर सुविधाएं उपलब्ध
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जिसमें दांत विभाग के प्रसिद्ध डॉक्टर शामिल हुए थे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को ओरल एवं डेंटल केयर की जरूरत के बारे में जागरूक बनाना है.
डॉ अमूल्य कुमार सिंह प्रख्यात ऑर्थोपेडिक सर्जन अक्षत सेवा सदन के निर्देशक ने कहा कि ऑर्थोपेडिक के साथ-साथ डेंटल की सुविधाएं इसलिए उपलब्ध कराई गई है क्योंकि एक्सीडेंट के दौरान फेशियल फ्रैक्चर की भी तकलीफ होती है मरीज को खाने पीने और ओरल हाइजीन का ख्याल भी रखना होता है मरीज को दूसरे जगह जाने की परेशानी ना हो और ऑर्थोपेडिक और डेंटल दोनों का साथ में इलाज का लाभ उठा सकें ।
डॉ अमूल्य कुमार सिंह ने कहा अक्षत सेवा सदन में दातों का सामान्य इलाज कम दरों पर उपलब्ध होगा ।
आपका मुंह आपकी सेहत बनाए रखने में सहयोग करता है, क्योंकि मुंह में 600 से अधिक तरह के बैक्टीरिया होते हैं, जो खून के द्वारा विभिन्न अंगों में पहुंचकर समस्याएं पैदा करते हैं. एक शोध में यह बात सामने निकलकर आई है कि खराब ओरल हाईजीन के कारण 40 से अधिक प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं. ।
उन्होंने यह जानकारी दी कि अक्षत सेवा सदन में रेडियो RVG, Ultra Sonic, Scaling, Intra Oral camera के साथ आधुनिक सुविधाएं भी मरीज के लिए उपलब्ध है ।
मुख्य अतिथि डॉक्टर अमलेश कुमार ने कहा कि “हम स्वास्थ्य की सामान्य समस्याओं पर काफी काम करते हैं, लेकिन यह अभियान अनूठा है आम तौर पर शरीर की प्राकृतिक सुरक्षा और अच्छी मौखिक स्वास्थ्य देखभाल, जैसे दैनिक ब्रशिंग और फ्लॉसिंग, बैक्टीरिया को नियंत्रण में रखते हैं । हालांकि, उचित मौखिक स्वच्छता के बिना, बैक्टीरिया उस स्तर तक पहुंच सकते हैं जिससे मौखिक संक्रमण हो सकता है, जैसे कि दांतों की सड़न और मसूड़ों की बीमारी। इससे किसी भी व्यक्ति को बहुत परेशानी होती है और शरीर में कमजोरी होती है ।
डॉ मीनाक्षी ने कहा कि हर दिन दो बार अपने मुंह और दांतों को ब्रश, फ्लॉस करके और माउथ रिन्स का इस्तेछमाल करके दांत और मुंह की सेहत की नियमित दिनचर्या बनाये रखें। अपने दांतों के लिये शक्कर युक्त फ्रूट जूस से बचें और धूम्रपान ना करें।
डॉक्टर संजय सिन्हा ने कहा कि अच्छी मौखिक और दंत स्वच्छता सांसों की बदबू, दांतों की सड़न और मसूड़ों की बीमारी को रोकने में मदद कर सकती है – और आपके बड़े होने पर आपके दांतों को बनाए रखने में मदद कर सकती है।
डॉक्टर रोहित ने कहा कि दंत चिकित्सा क्यों आवश्यक है! शरीर के रोगों के मुख संबंधी लक्षण, मुख के भीतर के रोग, घाव, विकृतियां, त्रुटियां, रोग अथवा दुर्घटनाओं से क्षतिग्रस्त दांतों की मरम्मत और टूटे दांतों के बदले कृत्रिम दांत लगाना, ये सभी बातें आती हैं। दांत खाने, चबाने और पोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। दांतों का क्षय अक्सर कुछ खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों के कारण आपके पिछले दांतों (दाढ़ और प्रीमोलर) में होता है ।
डॉक्टर सृष्टि सुमन ने कहा कि दंत चिकित्सक न केवल समस्याओं का समाधान करते हैं,बल्कि वे समस्याओं को रोक भी सकते हैं । दन्त चिकित्सा के माध्यम से संभावित समस्याओं का पता लगा सकते हैं। उनमें मसूड़ों की बीमारी और दंत क्षय शामिल हैं। जब आपके मौखिक स्वास्थ्य की बात आती है, तो यह महत्वपूर्ण है कि आप सक्रिय रहें, और अपने दंत चिकित्सक को नियमित रूप से देखें ताकि वे किसी भी समस्या को समस्या बनने से पहले ही पकड़ सकें।
हमारे ओरल कैविटी में एडल्ट में 32 दांत मौजूद होते हैं । जबकि बच्चों में बदलती उम्र के साथ, पहले दूध के दांत आते हैं और फिर स्थाई दांत धीरे-धीरे दूध के दांत गिरने के बाद अलग-अलग उम्र में आते हैं। उस दौरान बच्चों में जैसे कि दांत टूटने या निकलने के दौरान सावधानी बरतनी जरूरी है।
• मीठा का सेवन कम से कम करें, मीठा खाने के बाद बच्चों को कुल्ला जरूर करवाएं ।
• दो से तीन बार ब्रश करें ।
• माता-पिता को भी ध्यान रखना है कि बच्चे को अंगूठा चूसने की आदत ना लगे ।
• मुंह से बदबू ना आए ।
• माता-पिता को भी बच्चों को ओरल हाइजीन मेंटेन करने के लिए प्रेरित करना चाहिए ।
नियमित रूप से अपने दंत चिकित्सक के पास जाने से आपके मौखिक स्वास्थ्य की रक्षा करने में मदद मिलेगी।क्योंकि दंत चिकित्सक न केवल समस्याओं का समाधान करते हैं,बल्कि वे उन्हें रोक भी सकते हैं ।
कार्यक्रम में डॉक्टर एवं लायंस क्लब के अन्य सदस्य लोग उपस्थित थे साथ ही अक्षत सेवा सदन के सभी कर्मचारी गण एवं अक्षत परिवार के सभी सदस्य इस कार्यक्रम में शामिल थे l
अकबर ईमाम एडिटर इन चीफ