पटना के जयप्रभा मेदांता अस्पताल में अब बिना चीरा लगाए हृदय वाल्व का सफलता पूर्ण उपचार
1 min read- मेदांता पटना हॉस्पिटल में ट्रांसकेथेटर आओर्टिक वाल्व इंप्लाटेशन विधि से वाल्व प्रत्यारोपण अब संभव ।
- पटना में ट्रांसकेथेटर आओर्टिक वाल्व इंप्लाटेशन विधि का प्रयोग कर आओरटिक वाल्व स्टेनोसिस का इलाज, क्षतिग्रस्त वाल्व को हटाए बिना एक नया वाल्व लगाकर मिनिमल इनवेसिव प्रकिया द्वारा किये जा रहे हैं।
पटना, 20 दिसम्बर 2023: जयप्रभा मेदांता अस्पताल पटना के कार्डियक साइंस टीम के डॉक्टर द्वारा प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया तथा हृदय रोगों से जुड़े मुद्दों पर बात की। इस मौके पर मेदांता पटना के निदेशक एवं एच ओ डी डॉ. प्रमोद कुमार ने बताया की अब बिना सर्जरी के मरीज के दिल के वाल्व को बदलना संभव है ।
उन्होंने बताया कि यह इलाज का एक बहुत ही एडवांस फॉर्म है, जिसमे ट्रांसकेथेटर एओर्टिक वाल्व इंप्लाटेशन पद्धति का इस्तेमाल किया जाता है। ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वाल्व प्रत्यारोपण या प्रतिस्थापन (TAVI / TAVR) एक न्यूनतम इनवेसिव ऑपरेशन है जिसमे एओर्टिक वाल्व जो पूरी तरह से नहीं खुल सकता है उसमें प्रत्यारोपण किया जाता है । यह एओर्टिक वाल्व बाएं निचले हृदय कक्ष (बाएं वेंट्रिकल) और शरीर की मुख्य धमनी के बीच स्थित होता है ।
यदि वाल्व ठीक से नहीं खुलता है तो हृदय से शरीर तक रक्त का प्रवाह कम हो जाता है। जिसके कारण से सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, बेहोशी और थकावट हो सकती है। ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वाल्व प्रत्यारोपण या प्रतिस्थापन (TAVI / TAVR) प्रक्रिया द्वारा रक्त प्रवाह को पुनः प्रवाह और एओर्टिक वाल्व की रुकावट के कारण उत्पन्न स्वास्थ्य समस्याओं को कम करने में मदद करती है।
अकबर ईमाम एडिटर ईन चीफ