बिहार के CM से लेकर शिक्षक तक की आखिर सैलरी क्यों रुक गई है।
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3 महीने से सिपाही से लेकर शिक्षक तक के कर्मचारी परेशान है क्योंकि बिहार सरकार का फ्रीज अकाउंट अब तक ठीक नहीं हो सका है। बीते 36 दिन से किसी तरह का लेन-देन नहीं हो रहा है। CM नीतीश कुमार, मंत्री से लेकर विधायक तक की सैलरी रुक गई है। करीब 9 लाख कर्मचारियों का वेतन भी अटका है।
दरअसल, सरकार ने 3 जनवरी से वेतन-बिल के भुगतान के लिए नया सॉफ्टवेयर लॉन्च किया है। लॉन्चिंग के साथ ही तकनीकी पेंच आ गया, जो 36 दिन बाद भी ठीक नहीं हो सका है। इससे बिल और सैलरी फंस गई है।

बिहार सरकार का वित्तीय कामकाज CFMS (कंप्रहेंसिव फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम) से किया जाता है। इसकी शुरुआत अप्रैल 2019 में हुई थी। इसके अपग्रेड वर्जन में समस्या आ गई है।
वित्त विभाग सम्राट चौधरी ने भास्कर से बातचीत में दावा किया था कि नई व्यवस्था अगले 4 दिन यानी 27 जनवरी तक ठीक हो जाएगी। धीरे-धीरे सॉफ्टवेयर का अपग्रेड वर्जन रन कर रहा है। इसके बावजूद अब तक ठीक नहीं हुआ है।
इधर, वित्त विभाग के अधिकारी की मानें तो आनन फानन में सॉफ्टवेयर लॉन्च होने की वजह से यह समस्या सामने आई है। सॉफ्टवेयर तो लॉन्च कर दी गई, लेकिन प्रॉपर ट्रेनिंग नहीं दी गई। विभागीय स्तर से लेकर ट्रेजरी तक प्रशिक्षण का अभाव है।

केंद्र सरकार की सख्ती के बाद बिहार सरकार ने 3 जनवरी को CFMS 2.0 लॉन्च किया था। केंद्र ने नया वर्जन नहीं होने के कारण अपने हिस्से वाले फंड को नहीं दिया था। इस कारण राज्य सरकार ने आनन-फानन में नया वर्जन लॉन्च किया। वित्त विभाग के सूत्रों की मानें तो केंद्र सरकार ने 31 जनवरी तक नया वर्जन लाने का आदेश दिया था।
वित्त विभाग सम्राट चौधरी ने भास्कर से बातचीत में दावा किया था कि नई व्यवस्था अगले 4 दिन यानी 27 जनवरी तक ठीक हो जाएगी। धीरे-धीरे सॉफ्टवेयर का अपग्रेड वर्जन रन कर रहा है। इसके बावजूद अब तक ठीक नहीं हुआ है।
इधर, वित्त विभाग के अधिकारी की मानें तो आनन फानन में सॉफ्टवेयर लॉन्च होने की वजह से यह समस्या सामने आई है। सॉफ्टवेयर तो लॉन्च कर दी गई, लेकिन प्रॉपर ट्रेनिंग नहीं दी गई। विभागीय स्तर से लेकर ट्रेजरी तक प्रशिक्षण का अभाव है।
केंद्र की सख्ती के बाद आनन-फानन में लॉन्च हुआ CFMS 2.0
केंद्र सरकार की सख्ती के बाद बिहार सरकार ने 3 जनवरी को CFMS 2.0 लॉन्च किया था। केंद्र ने नया वर्जन नहीं होने के कारण अपने हिस्से वाले फंड को नहीं दिया था। इस कारण राज्य सरकार ने आनन-फानन में नया वर्जन लॉन्च किया। वित्त विभाग के सूत्रों की मानें तो केंद्र सरकार ने 31 जनवरी तक नया वर्जन लाने का आदेश दिया था।

नए सॉफ्टवेयर में ट्रांसफर नहीं हो रहा डेटा
CFMS 2.0 में सरकार का पुराना डेटा ट्रांसफर नहीं हो सका है। इसके अलावा नए वर्जन में HRMS काम नहीं कर रहा है। कर्मचारियों का डेटा जैसे-अकाउंट नंबर आदि शो नहीं कर रहा है।

हर माह 6 हजार करोड़ रुपए सैलरी देती है सरकार
वित्त विभाग के मुताबिक, बिहार सरकार सालाना 75 हजार करोड़ रुपए से अधिक अपने कर्मचारियों के वेतन पर खर्च करती है। यानी, हर महीने तकरीबन 6 हजार करोड़ रुपए सैलरी के रूप में ट्रांसफर करती है।